इंडिअन डिगर्स... खजाने प्रोफेशनली ढूंढने का काम करती है. हमारे पास हाय ग्रेड कि टेक्नोलॉजी है जिनमे कम्प्युटराईज्ड मशींन्स के द्वारा जमीनके अंदर का खजाना मालूम पडता है. हमारे साथ अनेक सिद्धिया प्राप्त सिद्धहस्त गुरूजी है, जो जरूरी पूजा पाठ करते है. कि अगर किसी प्रेत आत्मा का वास उस खजाने के साथ हो तो उन आत्माओंको शांत किया जा सके. कई बार खजाने की रक्षा स्वयम नाग देवता करते है वो खजाने को यहा से वहा खिसकाने का काम करते है, या और गहरे पाताल लोक मे ले जाने का काम करते है. इसलिये उनकी विधीवत पूजा करना जरूरी हो जाता है. हमारे विधीयोंमे कहीं भी किसी भी प्राणी या पंछी का किसी प्रकार का कोई बली नही चढाया जाता. सिर्फ पावरफुल गूढ मंत्रजाप द्वारा खजाने को हासिल किया जाता है.
हम “इंडियन डिगर्स” द्वारा समाज कि सेवा करना चाहते है. निश्चित: हम मुफ्त मे सेवा नही दे रहे है. हा, इसके लिये हम चार्ज भी लेते है. तो फिर समाज सेवा किस प्रकार से होती है? क्योंकि हमने ये देखा कि अच्छे लोग खजाना ढूंढ्नेके क्षेत्र मे ना होने कि वजह से इसमे बुरे, अनपढ, लालची, ढोंगी, पाखंडी लोग घुसे हुए है. जो अनेक बेजुबान मूक जानवरोंकी बली चढाते है. कई बार तो मनुष्य की भी बली चढाने का भी घोर पाप कुछ लोग करते है. पशू पंछी या नरबली की कुप्रथा के पीछे गुप्त धन कि अती लालच होती है. किसी किसी प्रांत मे औरतोंके साथ सम्भोग रचाया जाता है, ताकि पैसे कि बारिश हो या खजाना मिले... लेकिन उन बेचारी औरतोंका सिर्फ और सिर्फ यौन शोषण होता है... और कुछ भी नही.
और पढिएआपका इस सबमे क्या फायदा है? यहॉ हम दो प्रकार के फयदे की बात करेंगे. पहला, जो स्वयम ओनर्स है उनके लिये हमारी कम्पनी अपना कुछ शेअर रखके काम करती है. जैसे फिफ्टी फ़िफ्टी, सिक्स्टी फोर्टी, या टोटल रिस्क बेनेफिट (मतलब, ओंनर्सको मुआईने के बाद एक फिक्स अमाउंट दी जाती है, फिर जो निकलता है उसमे प्रोफिट या लॉस कम्पनिका होता है. ) दूसरा बेनेफिट फ्रीलांन्स डिलर्स (एजंट) के लिये है. अगर कोई समाज सेवक, इंडिअन डिगर्स कम्पनी और खजाना ओनर्स के बीच समझौता (कॉन्ट्रक्ट) करता है तो उसका बेनिफिट कम्पनी के डायरेक्टर्स, म्युच्युअल अंडरस्टेडिंग (उस वक्त की परिस्थितियोंके अनुसार) के द्वारा देंगे.
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